Friday, March 15, 2024

पैसों की बगिया हैं म्यूचुअल फंड्स, जानें-कहां लगाएं पैसे

 





 म्यूचुअल फंड में कई निवेशकों का पैसा एक जगह जमा किया जाता है और इस फंड में से फिर शेयर मार्केट में निवेश किया जाता है। म्यूचुअल फंड को एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) द्वारा मैनेज किया जाता है।

हर AMC में आमतौर पर कई म्यूचुअल फंड स्कीम होती हैं। आप किसी भी दिन कितने भी म्यूचुअल फंड खरीद और बेच सकते हैं। जबकि बैंक FD, PPF या बीमा को आप सरकारी छुट्टी या रविवार को नहीं खरीद-बेच सकते हैं।


म्यूचुअल फंड पैसों की बगिया जैसा
फाइनेंशियल एक्सपर्ट जितेंद्र सोलंकी बताते हैं कि जिस तरह से फूलों की बगिया में कई अलग-अलग प्रकार के पौधे होते हैं, वैसे ही म्यूचुअल फंड्स भी होते हैं। यह लोगों पर निर्भर करता है कि वे अपने बगीचे में क्या चाहते हैं। इसी तरह, अलग-अलग प्रकार के म्यूचुअल फंड हैं जो अलग-अलग लोगों की जरूरतों को पूरा करते हैं।

आमतौर पर म्यूचुअल फंड्स को 5 तरह से बांटा जाता है, जो उनके द्वारा निवेश की जाने वाली परिसंपत्तियों पर निर्भर करता है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझते हैं-



ये फंड्स भी बेहद काम के
इक्विटी, डेट, हाइब्रिड और सॉल्यूशन ओरिएंडेट फंड्स के अलावा कई अन्य प्रकार के फंड्स जैसे लिक्विड फंड्स, ग्रोथ फंड्स, ओपन एंडेड फंड्स, क्लोज एंडेड फंड्स और ELSS वगैरह भी म्यूचुअल फंड्स ही हैं। इसे भी समझते चलते हैं-

लिक्विड फंड्स: लिक्विड फंड्स में पैसे को लेकर तरलता बनी रहती है। आमतौर पर इस तरह के फंड्स में बेहद कम समय के लिए निवेश किया जाता है।

ग्रोथ फंड्स: इस तरह के फंड्स में ग्रोथ स्टॉक्स में निवेश किया जाता है।

ELSS फंड्स: इसमें 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है। इसमें निवेश करने पर इनकम टैक्स में 1.5 लाख रुपए तक की छूट मिलती है।

ओपन और क्लोज एंडेड फंड्स: ओपन एंडेड फंड्स में कभी भी पैसा जमा और निकाल सकते हैं। वहीं, क्लोज एंडेड फंड्स में निवेश मैच्योरिटी के समय ही निकाला जा सकता है।




SIP के जरिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश के फायदे

1. बाजार के उतार-चढ़ाव से टेंशन मुक्त
SIP से म्यूचुअल फंड्स में निवेश का एक बड़ा लाभ यह है कि आपको बाजार में अनुकूल समय का इंतजार करने की जरूरत नहीं है और न ही एकमुश्त निवेश करने की जरूरत है।

आप किसी भी समय SIP में निवेश शुरू कर सकते हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपको कितना पैसा निवेश करना है। आपके निवेश का मकसद क्या है और आप कितना जोखिम उठा सकते हैं।

2. प्रति यूनिट शेयरों की खरीद से लागत में कमी
SIP से निवेश में खरीद की लागत औसत हो जाती है। आमतौर पर लॉन्ग टर्म में प्रति यूनिट शेयरों या फंड की खरीद में पैसे कम लगेंगे। इससे आपको लॉन्ग टर्म में अपने निवेश को बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।

3. कम राशि के साथ कर सकते हैं निवेश की शुरुआत
SIP को 100 रुपए से कम मासिक बजट के साथ शुरू किया जा सकता है। आपको मोटा फंड बनाने के मकसद से अपनी निवेश यात्रा शुरू करने के लिए इंतजार करने की आवश्यकता नहीं है।

4. SIP से निवेश में आपमें विकसित होता है वित्तीय अनुशासन
SIP से निवेश में आपमें वित्तीय अनुशासन विकसित होता है, क्योंकि आप समय-समय पर रेगुलर निवेश करते रहते हैं। इससे आपके पास अच्छी-खासी रकम जुटाने में मदद मिलती है।

5. अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने में मददगार
हर छोटी बूंद एक शक्तिशाली महासागर को बनाती है। अनुशासित रूप से SIP में निवेश किया जाए तो आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। आप एक लक्ष्य तक पहुंचने के लिए जरूरी मासिक SIP निवेश की गणना भी कर सकते हैं।

6. लॉन्ग टर्म में उठा सकते हैं कंपाउंडिंग की शक्ति का लाभ
अगर आपने SIP से म्यूचुअल फंड्स में निवेश किया है तो आपको ब्याज पर ब्याज यानी कंपाउंडिंग की शक्ति का फायदा मिल सकता है। वास्तव में लंबे समय तक निवेश आपको बेहतर रिटर्न दे सकता है।

7. SIP से निवेश सुविधाजनक और परेशानी मुक्त
SIP से निवेश को ऑटो डेबिट के जरिए भी किया जा सकता है, जो इसे बहुत सुविधाजनक बनाता है। आपको निवेश की तारीख याद रखने या किसी भी फॉर्म या चेक को जमा करने की आवश्यकता नहीं है।



गैर-UTI म्यूचुअल फंड भी वजूद में

जून 1987 में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने पहला गैर-UTI म्यूचुअल फंड लॉन्च किया। 1987 और 1992 के बीच, पांच अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अपने स्वयं के म्यूचुअल फंड्स बनाए। वहीं, निजी क्षेत्र का पहला म्यूचुअल फंड 1993 में शुरू किया गया था। म्यूचुअल फंड्स अभी 1996 के सेबी विनियमों के तहत काम करते हैं।

30 साल की उम्र से 30 साल तक निवेश से 1 करोड़ रिटर्न
अगर आप 30 साल की उम्र में हर महीने 3,250 रुपए का SIP में निवेश करना शुरू करते हैं, तो औसतन 12% प्रति वर्ष के रिटर्न को मानते हुए आप 60 साल की उम्र तक करोड़पति बन सकते हैं। यानी आपने 30 साल तक कुल 11,70,000 रुपए निवेश किया। जिस पर 30 साल में कुल ब्याज 1,03,02,220 रुपए होगा। ऐसे में कुल रिटर्न के साथ आपके पास 30 वर्षों में 1,14,72,220 रुपए का कॉर्पस जमा हो सकता है।

यदि आप पैसे से पैसा बनाना चाहते हैं तो आपको कम से कम कुछ जोखिम उठाने के लिए तैयार भी रहना होगा। यानी म्यूचुअल फंड्स आपको लंबे समय में हाई रिटर्न दे सकते हैं, लेकिन यह तभी होगा जब तक आप थोड़ा जोखिम लेने के लिए तैयार हैं। यदि आप ऐसा करने में सक्षम हैं, तो आप लंबे समय में महंगाई को मात देने वाला रिटर्न बना सकते हैं।






Thursday, March 14, 2024

रिटायरमेंट के वक्त 5 करोड़ का फंड:SIP से जुटेगी इतनी रकम, ये रणनीति आएगी काम

 


कोई भी एक दिन में करोड़पति नहीं बन सकता है और न ही उसे कोई ऐसी चमत्कारिक स्कीम इतना पैसा दिला सकती है। हर किसी की चाहत होती है कि वह अपनी कामकाजी जिंदगी में भले ही करोड़पति न बन पाए, मगर रिटायरमेंट तक करोड़ों का फंड जरूर जुट जाए, ताकि उसकी बाकी जिंदगी आराम से कट सके। आखिर पैसे के लिए जीवनभर नौकरी भी तो नहीं की जा सकती। बड़ा फंड जुटाने का एक तरीका है सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP)।

आज  एक्सपर्ट्स से जानेंगे कि रिटायरमेंट तक 5 करोड़ का फंड कैसे जुटेगा। यह भी जानेंगे कि-

-SIP में निवेश करना कितना फायदेमंद होता है?

-SIP में उम्र के हिसाब से कितना निवेश किया जाए कि 5 करोड़ का फंड रिटायरमेंट तक तैयार हो जाए?

-25 साल, 30 साल, 35 साल और 40 साल की उम्र में SIP में कितना निवेश करना होगा?

तो चलिए जल्द से जल्द SIP में निवेश की शुरुआत करते हैं। क्योंकि अगर आपने निवेश में साल भर की भी देरी की तो इसका असर आपके रिटर्न पर भी पड़ेगा। और अगर सही समय पर इसकी शुरुआत कर दी तो आपको इसके कंपाउंडिंग का फायदा मिल सकेगा।

25 साल की उम्र से SIP में निवेश की शुरुआत से 5 करोड़ का फंड
फाइनेंशियल एक्सपर्ट जितेंद्र सोलंकी के अनुसार, अगर आप 25 साल की उम्र से SIP में निवेश करना शुरू करते हैं तो आपका रिटायरमेंट की उम्र यानी 60 साल का होने तक 5 करोड़ रुपए से ज्यादा का फंड तैयार कर सकते हैं। हालांकि, कोई भी रिटर्न मार्केट के जोखिमों के अधीन होता है।


30 साल की उम्र में हर महीने करना होगा इतना निवेश
अगर आप 30 या 35 साल के हैं तो SIP में आपका मंथली निवेश बढ़ जाएगा। जैसे कि 30 की उम्र से SIP में निवेश का गणित ऐसे समझिए-

  • मंथली निवेश-15,000 रुपए
  • औसत ब्याज दर-12%
  • निवेश की कुल अवधि-30 साल
  • कुल निवेश-54,00,000 रुपए
  • अनुमानित रिटर्न-4,75,48,707 रुपए
  • कुल रिटर्न-5,29,48,707 रुपए

उम्र 35 साल है तो रिटायरमेंट तक ऐसे बनेगा 5 करोड़ फंड
अगर आपकी उम्र 35 साल है तो रिटायरमेंट तक 5 करोड़ का फंड बनाने के लिए आपको हर महीने 27 हजार रुपए SIP में निवेश करना होगा।

ऐसे समझिए रिटर्न का गणित

  • मंथली निवेश-27,000 रुपए
  • औसत सालाना ब्याज दर-12%
  • कुल निवेश-81,00,000 रुपए
  • अनुमानित रिटर्न-4,31,36,147 रुपए
  • 25 साल के निवेश पर कुल रिटर्न-5,12,36,147 रुपए

उम्र 40 साल है तो 5 करोड़ फंड पाने के लिए SIP में कितना करना होगा निवेश
अगर आप 40 साल की उम्र से SIP में निवेश करते हैं तो रिटायरमेंट यानी 20 साल तक आपको हर महीने 33 हजार रुपए निवेश SIP में बिना रुके निवेश करना होगा। अगर इस दौरान आपको रिटर्न रेट अनुमानित रूप से 15% मिल रहा है तो इस पर रिटर्न पाने का गणित ऐसे समझिए-

  • कुल निवेश-79,20,000 रुपए
  • अनुमानित रिटर्न-4,21,06,514 रुपए
  • 20 साल के निवेश पर कुल रिटर्न-5,00,26,514 रुपए

फाइनेंशियल एक्सपर्ट जितेंद्र सोलंकी के अनुसार, SIP के जरिए आप म्यूचुअल फंड्स मार्केट में निवेश करते हैं, जो मार्केट से लिंक होता है। चूंकि म्यूचुअल फंड्स शेयर मार्केट से जुड़ा होता है, ऐसे में आपके पैसे का खराब रिटर्न भी मिल सकता है।

मगर, म्यूचुअल फंड्स को क्वॉलिफाइड फंड मैनेजर हैंडल करते हैं, इसलिए इसमें आपका पैसा डूबने का खतरा काफी कम होता है। और लॉन्ग टर्म में SIP से निवेश करने से पैसा डूबने का खतरा और भी कम हो जाता है।



सबसे सुरक्षित इंडेक्स फंड में लगाएं पैसे
SIP में कई तरह के फंड होते हैं, जिसमें से सबसे सुरक्षित इंडेक्स फंड को माना जाता है। इसमें सिर्फ वही स्टॉक शामिल होते हैं, जो निफ्टी-50 में लिस्टेड हैं। दरअसल, जो स्टॉक सेबी के तय नियम को पूरा करते हैं और निवेशकों को अच्छा रिटर्न देने का दम रखते हैं तब उसे निफ्टी-50 इंडेक्स की लिस्ट में शामिल किया जाता है। ऐसा ही एक इंडेक्स BSE-30 है, जिसमें 30 शेयर होते हैं और निफ्टी-50 में 50 शेयर लिस्ट होते हैं।


SIP का ट्रेंड, ज्यादा जोखिम नहीं
दरअसल, SIP के फ्लेक्सिबल होने, लॉन्ग टर्म में फायदा मिलने, नियमित बचत होने की वजह से यह आम आदमी के लिए मुफीद है। इसका रिटर्न इस बात पर निर्भर करता है कि आपने कौन सा म्यूचुअल फंड चुना है। SIP में रिटर्न FD की तरह गारंटी युक्त नहीं होती, मगर बीते 10 साल के ट्रेंड यह बताता है कि यह ज्यादा जोखिम वाला निवेश नहीं रहा है।

कम उम्र से निवेश की शुरुआत करें
आपको जल्दी पैसे बनाने हैं तो आपको कम उम्र से ही निवेश शुरू कर देना चाहिए, ताकि आपको लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न मिल सके। क्योंकि पैसे से पैसे बनाने में पॉवर ऑफ कंपाउंडिंग को समझना होगा, जिससे समय के साथ आपको निवेश के पैसे बढ़ाना होगा।

रेगुलर और तय समय पर हो निवेश
SIP हो या कुछ और, निवेश के लिए सबसे जरूरी चीज है आपका अनुशासित होना और नियमित होना। यानी आपको हर महीने तय समय पर तय रकम निवेश करना ही होगा, जिसके लिए आपको बचत योजना बनानी चाहिए।

बाजार को देखकर निवेश करना ठीक नहीं
अगर बाजार अच्छा चल रहा है ताे यह देखकर निवेश कतई नहीं करें, क्योंकि म्यूचुअल फंड्स या और कोई निवेश ज्यादातर बाजार जोखिम के अधीन होते हैं। कुछ लोग बाजार के मंदा पड़ते ही पैसे निकालने लगते हैं, जिससे उनको नुकसान हो सकता है। ऐसे में शॉर्ट टर्म का निवेश नुकसान देता है। यही निवेश आप अगर लॉन्ग टर्म के लिए करते हैं तो आपको अच्छा पैसा रिटर्न में मिलेगा।

सैलरी बढ़ने पर अपना SIP अमाउंट बढ़ाएं
आप अपनी इनकम बढ़ने पर अपनी निवेश की गई रकम को बढ़ाना चाहिए, ताकि आपको निवेश का ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके।

पोर्टफोलियो विविधतापूर्ण हो
आपको बतौर निवेशक कभी भी एक जगह पैसे नहीं लगाने चाहिए। ऐसे में आपको सोने-चांदी, इक्विटी, डेट फंड, रियल एस्टेट और म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना चाहिए। इससे ये होगा कि अगर कोई सेक्टर मंदी से जूझ रहा है तो दूसरा सेक्टर आपको संभाल लेगा।

सही समय पर सही जगह पैसे लगाना जरूरी
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आपको अपने पैसों को सही समय पर सही जगह लगाना चाहिए। पैसे लगाने से पहले जिस सेक्टर में निवेश करना चाहते हैं, उसका इतिहास और वर्तमान दोनों देख लेना चाहिए। यह भी देखना चाहिए कि आपको पैसे कब लगाना चाहिए।








अब SIP से डेस्टिनेशन वेडिंग का ट्रेंड:SIP कितने तरह की, किसमें निवेश करना ज्यादा फायदेमंद

 


हाल ही में मुंबई में एक विज्ञापन आया कि सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) लेकर आप अपनी डेस्टिनेशन वेडिंग की योजना बना सकते हैं। सोशल मीडिया पर जैसे ही इस विज्ञापन की तस्वीर आई, यह तेजी से वायरल हो गई।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के हैंडल @Trendulkar पर इसकी तस्वीर शेयर की गई। एड में लिखा कि डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए 10 सालों तक हर महीने 11 हजार, 31 हजार या 43 हजार का प्लान लेकर आप अगले 10 सालों तक इसमें निवेश कर सकते हैं।

किसी यूजर ने कहा-कल्पना करें कि 10 साल के लिए SIP करके शादी करें और 2 सालों में ही तलाक हो जाए। वहीं, एक और यूजर ने लिखा-बस अब यही देखना बाकी रह गया था। किसी ने कहा-यह महीने की SIP भी सैलरी से ज्यादा है। एक ने तो लिखा-भैया कुछ सस्ते में दिखाओ ये रेंज के बाहर है।

एसाेसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार, देश में SIP की पॉपुलैरिटी दिनोंदिन बढ़ रही है। फरवरी, 2024 तक देश में म्यूचुअल फंड्स SIP के कुल 8.2 करोड़ खाते थे, जिनमें 19,187 करोड़ रुपए जमा थे।

आज बात करेंगे SIP के बढ़ते ट्रेंड के बारे में। यह भी बात करेंगे कि-

-SIP कितने तरह की होती है और कौन सी करनी चाहिए?

-SIP करते वक्त क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

SIP क्या है, यह कितने तरह की होती है

सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) म्यूचुअल फंड्स द्वारा प्रस्तावित निवेश का एक ऐसा जरिया है, जिसके माध्यम से कोई व्यक्ति एक तय रकम, नियमित अंतराल में म्यूचुअल फंड्स की किसी स्कीम में मंथली या हर तीन महीने पर या एकमुश्त रकम से निवेश कर सकता है। यह किस्त हर महीने 500 रुपए से भी हो सकती है।

वैसे तो SIP कई तरह की होती हैं, मगर मार्केट में सबसे पॉपुलर 5 ही हैं-


रेगुलर SIP

रेगुलर SIP में तय अवधि में तय रकम निवेश करना होता है। निवेशक हर महीने, हर तीन महीने में या फिर छमाही में निवेश कर सकते हैं। इसमें निवेश की रकम कितनी होगी, यह आप खुद ही तय कर सकते हैं। ज्यादातर लोगों में यही SIP पॉपुलर है।

स्टेप-अप SIP

इसमें आप एक तय समय बाद SIP को बढ़ा सकते हैं, जिसमें सालाना आधार पर भी रकम बढ़ाने का विकल्प मिलता है। यदि आप हर महीने 10 हजार रुपए की SIP करते हैं तो उसे हर साल 5 या 10 फीसदी बढ़ाने का विकल्प मिल सकता है।

फ्लेक्सिबल SIP

इसमें SIP में बदलाव किए जा सकते हैं। यानी SIP की रकम को कभी भी बढ़ाया या घटाया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए निवेशकों को फंड हाउस को SIP कटने की तारीख से पहले सूचना देनी होगी।

ट्रिगर SIP

इसमें समय और वैल्यूएशन के आधार पर निवेश का प्लान बनाया जा सकता है। ऐसी SIP में पहले से ही शर्त भी लगाई जा सकती है। जैसे जब एनएवी यानी नेट एसेट वैल्यु 1000 रुपए से अधिक हो जाए तो ट्रिगर SIP की शुरुआत की जाए। या फिर 1000 रुपए से कम होने पर अतिरिक्त पैसे SIP में लगाएं।

इंश्योरेंस के साथ SIP

इस SIP में टर्म इंश्योरेंस का लाभ भी मिलता है। सभी फंड हाउस में अलग-अलग शर्तें हो सकती हैं। इसमें SIP के अमाउंट के 10 गुना तक का कवर मिलता है। इसका लाभ केवल इक्विटी म्यूचुअल फंड्स पर मिलता है।

SIP से म्यूचुअल फंड्स में निवेश कैसे करें, इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझते हैं-



SIP में निवेश की लोकप्रियता क्यों है, यह समझते हैं-

निवेश पीरियड और पैसों को लेकर लचीलापन

SIP के जरिए निवेश करने में इन्‍वेस्‍टमेंट पीरियड और अमाउंट को लेकर लचीलापन रहता है। आप अपनी सुविधा अनुसार निवेश की अवधि मंथली, तिमाही या छमाही का ऑप्‍शन चुन सकते हैं। जब भी आपको जरूरत पड़े आप इसे रोक सकते हैं या अपनी एसआईपी से पैसा निकाल सकते हैं।

मार्केट में उतार-चढ़ाव की स्थिति में SIP का नुकसान नहीं

SIP में आप जब समय-समय पर निवेश करते रहते हैं तो आपको रुपी कॉस्‍ट एवरेजिंग का फायदा मिलता है। मतलब ये कि मार्केट गिर रहा है तो आपने जो पैसा निवेश किया है, उसमें आपको ज्‍यादा यूनिट्स अलॉट होंगे और मार्केट में तेजी आने पर अलॉट होने वाले यूनिट्स की संख्या कम होगी।

मार्केट में उतार-चढ़ाव की स्थिति में भी आपका खर्च औसत बना रहता है। यानी मार्केट में गिरावट आने पर भी आपको नुकसान नहीं होता। मार्केट में तेजी आने पर आपको अपने औसत निवेश पर ही बेहतर रिटर्न मिलता है।

कंपाउंडिंग का जबरदस्त फायदा मिलता है

SIP में कंपाउंडिंग का फायदा जबरदस्‍त मिलता है, इसलिए SIP लंबे समय के लिए की जानी चाहिए। ये जितने लंबे समय के लिए होगी, कंपाउंडिंग का फायदा उतना ज्‍यादा होगा। आपको कंपाउंडिंग के तहत केवल उसी रकम पर रिटर्न नहीं मिलता, जिसे आपने निवेश किया है। बल्कि आपको पहले के मिले रिटर्न पर भी रिटर्न मिलता है।

निश्चित समय के लिए होती है बचत

SIP के जरिए आप निश्चित समय के लिए बचत करना सीखते हैं। यानी आपको मासिक, तिमाही या छमाही पर जो भी पैसा निवेश करना है, उस रकम की बचत करने के बाद ही आप बाकी खर्च करते हैं। इस तरह आपको अनुशासित निवेश की आदत पड़ती है।

SIP फायदेमंद होती है, मगर आपने निवेश के समय नीचे दिए ग्राफिक की बातों को ध्यान में नहीं रखा तो आपको जोखिम भी उठाना पड़ सकता है-



आमतौर पर यह देखा जाता है कि निवेशक कई बार मार्केट के गिरने पर घबराकर SIP से पैसा निकाल लेते है, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ता है। आइए-SIP में निवेश से पहले ये जरूरी बातें जान लें, ताकि आपको नुकसान कम से कम हो।

SIP अचानक बंद करने का होता है नुकसान

अक्सर निवेशक इक्विटी बाजार के उतार-चढ़ाव को देखते हुए कभी SIP को बंद करते हैं तो कभी शुरू करते हैं। बाजार में तेजी देखकर निवेशकों में गजब का उत्साह होता है। जब बाजार तेजी में होता हैं तो SIP शुरू कर देते हैं।

जब मंदी आती है तो ज्यादातर निवेशक निराश और डर जाते हैं और इस वजह से वो SIP रोक देते हैं। मगर वो ये नहीं समझते कि SIP को कभी शुरू करना और कभी रोकना सिर्फ एक खराब रिटर्न ही दे सकता हैं। इससे लंबे समय में आपको नुकसान भी हो सकता है।

किसी भी रकम की SIP किसी टार्गेट के साथ करें

किसी भी राशि की SIP एक लक्ष्य के साथ करें जैसे अपने बच्चे की एजुकेशन, शादी, अपना रिटायरमेंट या ऐसे किसी भी लक्ष्य के साथ आप SIP में बने रह सकते हैं।

उतार-चढ़ाव वाले ग्रोथ असेट्स में सिस्टेमैटिक निवेश सबसे अच्छा काम करता हैं जब उनके लक्ष्य स्पष्ट होते हैं। अगर आप लक्ष्य के साथ निवेश नहीं करते और बीच में कभी भी पैसा निकाल लेने का सोचते हैं और इसका नुकसान होता है।

बड़ी रकम के साथ SIP में पैसे न लगाएं

SIP में निवेश करते समय आपको ध्यान रखना चाहिए कि आप बड़ी रकम से निवेश की शुरुआत नहीं करें। बड़ी रकम में निवेश करने से भविष्य में पैसे की कमी होने से आपकी SIP टूट जाती है, जिससे आपको मुनाफा भी कम मिलता है।



Tuesday, March 12, 2024

वित्त-संसारः खर्चों और सीमित आय के साथ खरीदें अपने सपनों का घर


 घर ख़रीदना एक बहुत बड़ा निवेश है। ख़ासतौर पर उनके लिए जिनकी आय सीमित है। अधिकांश युवाओं का मासिक वेतन 15 हज़ार रुपये प्रति माह से शुरू होकर लगभग 3 वर्षों में 25 से 30 हज़ार रुपये प्रति माह तक पहुंचता है। इसी में कई ख़र्चे पूरे करने होते हैं जिसके बाद घर का सपना पूरा कर पाना लगभग नामुमकिन लगने लगता है। इसी वर्ग को ध्यान में रखकर हम एक ऐसी रणनीति तैयार करेंगे ताकि हर कोई अपने घर का सपना साकार कर सके।


बजट से शुरुआत

सबसे पहले अपना बजट बनाएं। इस बात का प्रयास करें कि प्रारंभ में आप ऐसा घर ख़रीदें, जो आपके बजट में आता हो। बाद में उसे बेचकर प्राप्त राशि को डाउन पेमेंट की तरह प्रयोग करते हुए बड़े घर के लिए बड़ा लोन लेने पर विचार कर सकते हैं।


क्षेत्र का चयन 

आमतौर पर शहर के व्यस्त या विकसित इलाक़ों में घरों की क़ीमतें अधिक होती हैं। इसलिए ऐसे इलाक़ों की खोज करें जहां अभी क़ीमतें कम हैं, लेकिन अगले 5 वर्षों में बढ़ने की संभावनाएं हैं।


ऋण की पात्रता जांच लें

कोई भी बैंक घर या फ्लैट की क़ीमत का शत-प्रतिशत लोन नहीं देता है। लोन की राशि घर की क़ीमत के 80 से 90 फ़ीसदी तक हो सकती है। आपके वेतन से होने वाली कटौतियों को भी ध्यान में रखा जाता है। कुल कटौतियां 60 फ़ीसदी से अधिक न हों, कुछ मामलों में यह 70 फ़ीसदी तक स्वीकार की जा सकती हैं।


डाउन पेमेंट

अब प्रश्न यह है कि घर की क़ीमत और बैंक लोन के अंतर को कैसे पाटा जाए। इस उद्देश्य से इन विकल्पों पर विचार करें-

  • यदि आपके पास स्वर्ण आभूषण हैं और वो लॉकर में रखे हैं, तो उन्हें काम पर लगाएं। गोल्ड लोन आसानी से और कम ब्याज पर मिल जाता है, जिससे प्राप्त धनराशि का उपयोग आप डाउनपेमेंट अथवा मार्जिन भरने के लिए कर सकते हैं।
  • पोस्ट ऑफिस के एनएससी, बीमा पॉलिसी, बैंक का फिक्स्ड डिपॉजि़ट, शेयर और म्यूचुअल फंड के आधार पर भी लोन लेकर आप धन जुटा सकते हैं।


ईएमआई से पहले सिप 


यदि लोन लेने के लिए आपके पास कुछ भी उपलब्ध नहीं है, तो कुछ वर्षों के लिए लोन लेने के विचार को स्थगित करें। ईएमआई का तनाव लेने से अच्छा है कि आप हर महीने किसी अच्छे इक्विटी 

म्यूचुअल फंड में एसआईपी यानी सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट की योजना बनाएं। 


इस विकल्प को इस तरह समझते हैं... 

यदि आप 30 वर्षों के लिए 20 लाख रुपये का होम लोन लेते हैं और ब्याज दर 8.75 फ़ीसदी वार्षिक है, तो आपकी ईएमआई (लोन की क़िस्त) 15,734 रुपये बनती है।

इसके स्थान पर, यदि आप किसी इक्विटी म्यूचुअल फंड में 15 हज़ार रुपये की मासिक एसआईपी करें और आपको 12 फ़ीसदी का रिटर्न मिले, तो आप 10 वर्षों में अपने 18 लाख रुपये के निवेश पर लगभग 35 लाख रुपये का कोष संचित कर लेंगे। इस कोष में क़रीब 17 लाख रुपये आपकी अतिरिक्त कमाई होगी।

इस प्रकार संचित लगभग 35 लाख रुपये के कोष का उपयोग आप एक बेहतर घर ख़रीदने में कर सकते हैं।



आवास योजना भी एक विकल्प है


यह पता लगाएं कि आपके शहर में विकास प्राधिकरण की एलआईजी और एमआईजी आय वर्ग के लिए क्या कोई आवास योजना है। प्रायः सभी बड़े शहरों में निम्न और मध्यम आय वर्ग के परिवारों के लिए आवास योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिन शहरों और क़स्बों में प्राधिकरण नहीं है, वहां हमें प्रधानमंत्री आवास योजना के विषय में पता करना चाहिए। अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम के अंतर्गत भी सस्ते घर बनाए जा रहे हैं।

इन योजनाओं के अंतर्गत बनाए जा रहे घरों की क़ीमतें काफ़ी किफ़ायती होती हैं।











Monday, March 11, 2024

चिल्ड्रन म्यूचुअल फंड में करें निवेशः इसमें मिलती है टैक्स छूट, टाटा यंग सिटीजन फंड ने सालाना 18% का रिटर्न दिया

 



हर माता-पिता फाइनेंशियल प्लानिंग के जरिए अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित करना चाहते हैं। अगर आप भी अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित करना चाहते हैं तो चिल्ड्रन म्यूचुअल फंड आपके लिए अच्छा ऑप्शन हो सकता है। ये मार्केट के रिस्क के साथ लंबे समय में बेहतर रिटर्न दे सकते हैं।


एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के अनुसार, इस कैटेगरी में टाटा यंग सिटीजन फंड ने पिछले पांच साल में सबसे ज्यादा 18.17% का सालाना औसत रिटर्न दिया है। जबकि 10 साल में HDFC चिल्ड्रन्स गिफ्ट फंड ने सबसे ज्यादा 16.72% का सालाना औसत रिटर्न दिया है।


इसके अलावा इसमें इसमें ELSS म्यूचुअल फंड की तरह ही इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत 1.50 लाख रुपए तक निवेश पर टैक्स छूट मिलती है। आसान भाषा में इसे ऐसे समझें, आप सेक्शन 80C के माध्यम से अपनी कुल कर योग्य आय से 1.5 लाख तक कम कर सकते हैं।


आइए अब सबसे पहले चिल्ड्रन म्यूचुअल फंड के बारे में जानते हैं और उसके बाद 5 साल और 10 साल में सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाले टॉप-5 फंड के बारे में भी जानते हैं।


सबसे पहले जानें चिल्ड्रन म्यूचुअल फंड क्या होता है?

यह निवेश का ऑप्शन उन माता-पिता के लिए बनाया गया है जो अपने बच्चों के लिए पर्याप्त वित्तीय बैकअप बनाना चाहते हैं ताकि उन्हें अपना करियर बनाने में मदद मिल सके। चिल्ड्रन म्यूचुअल फंड के पैसों को बच्चों से रिलेटेड गोल्स को ध्यान में रखते हुए निवेश किया जाता है।


अधिकांश चिल्ड्रन म्यूचुअल फंड 5 साल की लॉक-इन पीरियड के साथ आते हैं, जिसे बच्चे के वयस्क होने तक बढ़ाया जा सकता है। बच्चे से जुड़ा इन्वेस्टमेंट होने के कारण ज्यादातर इन्वेस्टर्स इसमें लंबे समय तक निवेश करते हैं, जिसकी वजह से उनके निवेश पर अच्छा रिटर्न मिलता है।



बेंचमार्क क्या है?
बेंचमार्क आमतौर पर भारतीय शेयर बाजार के BSE सेंसेक्स और निफ्टी जैसे मार्केट सूचकांक होते हैं, जिसके साथ म्यूचुअल फंड के रिटर्न को कंपेयर किया जाता है।

इसे एक उदाहरण से समझते हैं... मान लीजिए आपके किसी खास म्यूचुअल फंड ने किसी खास समय के दौरान 59% का रिटर्न दिया है। वहीं, इस दौरान उसके बेंचमार्क ने 70% रिटर्न दिया है तो इससे यह पता चलता है कि उस फंड ने बेंचमार्क की तुलना में कम रिटर्न दिया है। बेंचमार्क की तुलना में जो म्यूचुअल फंड जितना ज्यादा रिटर्न देता है उसका परफॉर्मेंस उतना बेहतर माना जाता है।

चिल्ड्रन म्यूचुअल फंड में भी SIP के जरिए कर सकते हैं निवेश
अन्य इक्विटी फंड की तरह चिल्ड्रन म्यूचुअल फंड में भी SIP के जरिए निवेश कर सकते हैं, जो लंबे समय में ज्यादा फायदेमंद साबित होता है। लंबे समय तक SIP करने से शेयर बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव का जोखिम कम हो जाता है। शेयर बाजार के निचले स्तर और ऊंचे स्तर का एक औसत रिटर्न बनता है और साथ ही कम्पाउंडिंग का फायदा भी मिलता है।






Saturday, March 9, 2024

फरवरी में SIP के जरिए निवेश रिकॉर्ड ₹19,186 करोड़ पहुंचा: फरवरी में इक्विटी-फंड निवेश 23% बढ़कर ₹26,866 करोड़ हुआ

 




सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIPs) के माध्यम से निवेश फरवरी महीने में 19,186 करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। जनवरी में ये 18,838 करोड़ रुपए रहा था।


वहीं ओपन-एंडेड इक्विटी फंड में निवेश 23% बढ़कर 26,865.78 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। मार्च 2021 के बाद से यह लगातार 36वां महीना रहा, जब इक्विटी फंड्स में विड्रॉल से ज्यादा निवेश हुआ है। AMFI के आंकड़ों में ये जानकारी सामने आई है।


इसके अलावा 49.79 लाख नए SIP रजिस्ट्रेशन के साथ SIP अकाउंट्स भी 8.20 करोड़ हो गए हैं। फरवरी में इंडस्ट्री का नेट AUM 54,54,214.13 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।


मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स में पिछले महीने इन्वेस्टमेंट गिरा

मिडकैप फंड्स में पिछले महीने निवेश 12% गिरा है, लेकिन अभी भी यह 1808 करोड़ रुपए के हेल्दी लेवल पर है। वहीं स्मॉलकैप में निवेश 10% गिरकर 2922 करोड़ रुपए के लेवल पर है।


पिछले महीनेसेबी ने मिडकैप और स्मॉलकैप में रिस्क बढ़ने के खतरे की आशंका जताई थी। सेबी ने म्यूचुअल फंडों को निर्देश दिया था कि वे अपने स्मॉल कैप और मिडकैप फंड्स पोर्टफोलियो की गहराई से स्टडी करें और पता लगाएं कि वे कितने लिक्विड हैं।


इसके अलावा सेबी ने म्यूचुअल फंडों को यह भी पता लगाने का निर्देश दिया कि वे अपने बेंचमार्क की तुलना में कितने वोलेटाइल हैं।


डेट फंडों में फरवरी में 63,809 करोड़ रुपए का ही निवेश हुआ

पिछले महीने फरवरी में ओपन-एंडेड इक्विटी फंड्स में इन्वेस्टमेंट 26,865.78 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। वहीं फिक्स्ड इनकम सेगमेंट की बात करें तो डेट फंडों में जनवरी में 76,469 करोड़ रुपए के निवेश की तुलना में फरवरी में 63,809 करोड़ रुपए का ही निवेश आया।


कॉरपोरेट बॉन्ड कैटेगरी में भी 3,029 करोड़ रुपए का निवेश आया

डेट फंडों में निवेश पॉजिटिव रहा और इसकी वजह शॉर्ट टर्म लिक्विड फंड कैटेगरी में 83,642 करोड़ रुपए का भारी-भरकम निवेश रहा। इसके अलावा कॉरपोरेट बॉन्ड कैटेगरी में भी 3,029 करोड़ रुपए का निवेश आया।


ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड स्कीमों में 1.19 लाख करोड़ का निवेश हुआ

वहीं दूसरी तरफ कम अवधि वाले फंडों से 4100 करोड़ रुपए की निकासी हुई और फ्लोटर फंड्स से 3610 करोड़ रुपए की निकासी हुई। ओवरऑल बात करें तो ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड स्कीमों में पिछले महीने 1.19 लाख करोड़ रुपए का नेट निवेश आया, जबकि जनवरी 2024 में यह आंकड़ा 1.23 लाख करोड़ रुपए पर था।



Friday, March 8, 2024

बेहतर रिटर्न और टैक्स-छूट के लिए ELSS में करें निवेश: 1 साल में मिला 59% तक का रिटर्न, 3 साल के लिए ब्लॉक रहता है पैसा

 




वित्त वर्ष 2023-24 का आखिरी महीना शुरू हो चुका है और इसको खत्म होने में महज 24 दिन बचे हैं। ऐसे में अगर आपने अभी तक टैक्स सेविंग्स प्लानिंग नहीं की है तो अभी भी इसके लिए निवेश कर सकते हैं। अगर आप टैक्स बचाने के साथ निवेश पर अच्छा रिटर्न चाहते हैं तो इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम यानी ELSS म्यूचुअल फंड में निवेश करने का ऑप्शन चूज कर सकते हैं।

START INVESTING

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) की ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार, ELSS कैटेगिरी के म्यूचुअल फंड ने एक साल में 58.98% तक का रिटर्न दिया है। आइए अब सबसे पहले ELSS फंड के बारे में जानते हैं और उसके बाद एक साल में सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाले टॉप-10 ELSS म्यूचुअल फंड के बारे में भी जानते हैं।


ELSS म्यूचुअल फंड क्या होता है?

ELSS यानी इक्विटी लिंक्ड सेविंग्‍स स्‍कीम ऐसे म्यूचुअल फंड होते हैं, जिनमें 3 साल के लिए इन्वेस्टर्स का पैसा ब्लॉक हो जाता है। म्‍यूचुअल फंड की इस कैटेगरी में IT एक्ट के सेक्शन 80C के तहत 1.50 लाख रुपए तक निवेश पर टैक्स छूट मिलती है। हालांकि, शेयर मार्केट लिंक्ड होने के चलते इसमें FD या NSC जैसी स्माल सेविंग्स की तुलना में इसमें ज्यादा जोखिम होता है।


अन्य टैक्स सेविंग स्कीम के मुकाबले इसमें कम लॉक-इन पीरियड

टैक्स सेविंग FD, पब्लिक प्रोविडेंट फंड सहित अन्य टैक्स सेविंग स्कीम के मुकाबले ELSS म्यूचुअल फंड में लॉक-इन पीरियड काफी कम होता है। जहां टैक्स सेविंग FD में इन्वेस्टर्स का पैसा 5 साल और पब्लिक प्रोविडेंट फंड में 15 साल तक लॉक रहता है। वहीं, ELSS म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टर्स का पैसा 3 साल तक ब्लॉक रहता है।


हालांकि, पैसा ब्लॉक रहने का एक बड़ा फायदा यह है कि लंबी अवधि तक अनुशासित रहकर निवेश को बढ़ावा मिलता है। यही आगे आपकी वेल्थ क्रिएशन में मदद कर सकता है। 3 साल का लॉक-इन खत्‍म होने का मतलब यह नहीं है कि आपको फंड से बाहर निकलना जरूरी होगा, आप इसे आगे तक एक्सटेंड कर सकते हैं।




बेंचमार्क क्या है?

बेंचमार्क आम तौर पर भारतीय शेयर बाजार के BSE सेंसेक्स और निफ्टी जैसे मार्केट सूचकांक होते हैं, जिसके साथ म्यूचुअल फंड के रिटर्न को कंपेयर किया जाता है।

START INVESTING

इसको एक एग्जांपल से समझते हैं...

अगर आपके किसी खास म्यूचुअल फंड ने किसी खास समय के दौरान 59% का रिटर्न दिया है। वहीं, इस दौरान उसके बेंचमार्क ने 70% रिटर्न दिया है तो इससे यह पता चलता है कि उस फंड ने बेंचमार्क की तुलना में कम रिटर्न दिया है। बेंचमार्क की तुलना में जो म्यूचुअल फंड जितना ज्यादा रिटर्न देता है उसका परफॉर्मेंस उतना बेहतर माना जाता है।


लंबे समय में SIP के जरिए निवेश करने पर ज्यादा फायदा

अन्य इक्विटी फंड की तहर इस कैटेगरी के फंड में भी निवेश लंबे समय में ज्यादा फायदेमंद साबित होता है। इसकी वजह यह है इक्विटी फंड में लंबे समय तक SIP करने से शेयर बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव का जोखिम कम हो जाता है। शेयर बाजार के निचले स्तर और ऊंचे स्तर का एक औसत रिटर्न बनता है और साथ ही कम्पाउंडिंग का फायदा भी मिलता है।


क्या SIP निवेश का सबसे अच्छा तरीका है?

शायद इसे निवेश का सबसे अच्छा तरीका कहना तो उचित नहीं होगा लेकिन यह नियमित आय वाले लोगों के लिए निवेश का अच्छा तरीका जरूर हो सकता है जैसे वेतनभोगी और कारोबारी जिनकी हर महीने एक निश्चित आय तय है। SIP से निवेश जेब पर भारी नहीं पड़ता और छोटी- छोटी राशि लगातार निवेश करने से लम्बे समय में एक अच्छी खासी रकम जुटाई जा सकती है।




Wednesday, March 6, 2024

Mutual Fund: अगले तीन साल में पैसों की बरसात कर सकते हैं इक्विटी म्यूचुअल फंड


एसआईपी के जरिए कमा सकते हैं मोटा मुनाफा, लक्ष्य तय कर निवेश का बनाएं प्लान 

आजकल हर कोई अमीर बनना चाहता है और इसके लिए कोई न कोई जतन जरूर कर  रहा है। अगर आप भी ईमानदारी से पैसे कमाकर अमीर बनना चाहते हैं तो पहले अपने लक्ष्य तय करें और लंबी अवधि के लिए निवेश करें। इससे आप कुछ ही समय में अमीर यहां तक की करोड़पति भी बन सकते हैं। आज हर इंसान अपने परिवार को करोड़पति बनना देखना चाहता है, लेकिन ज्यादातर लोगों को शानदार रिटर्न देने वाले म्युच्युअल फंड की जानकारी नहीं होती है। इस कारण कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, यहां तक कि कई बार तो गलत जगह निवेश कर नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि निवेश करने से पहले एक बार बाजार के रुख को समझ लेना चाहिए। किसी वित्तीय सलाकार से भी मदद ले सकते हैं।

इस रिपोर्ट में हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे पांच म्युचुअल फंड के बारे में जो अगले तीन सालों में आपकी पूंजी को कई गुना तक बढ़ा सकते हैं और आपको मालामाल कर सकते हैं। ये फंड आपके लिए पैसों की बरसात कर सकते हैं।

क्वांट फ्लेक्सी कैप फंड
क्वांट फ्लेक्सी कैप म्यूचुअल फंड का नाम बाजार में इस समय काफी अच्छा खासा है बात करें इस म्यूचुअल फंड की तो इसने बीते 3 वर्षों से हर वर्ष अपने निवेशकों को करीब 34त्न के आसपास का रिटर्न दिया है जो की काफी अच्छा माना जाता है। अगर हम बात करें इस म्युचुअल फंड की शुरुआत के बारे में तो इस म्युचुअल फंड की शुरुआत 17 अक्टूबर 2008 को हुई थी। इस समय यह काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और निवेशकों को मालामाल कर सहा है। इसलिए आप भी इस फंड में लंबी अवधि के लिए निवेश कर अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।

क्वाट स्मॉल कैप फंड 
क्वाट स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड ने निवेशकों की किस्मत ही बदलकर रख दी है इस म्युचुअल फंड के अंदर पैसा निवेश करोगे तो यह पैसा शेयर बाजार की जाकर छोटी कंपनियों में लगेगा वहां पर जो रिटर्न निकलेगा वह रिटर्न आपको प्रदान कर दिया जाएगा। बात करें इस म्युचुअल फंड की शुरुआत के बारे में तो यह म्युचुअल फंड 29 अक्टूबर 1996 को शुरू हुआ था आप भी इस म्युचुअल फंड के अंदर अपना पेसा निवेश कर सकते हो। बीते 3 वर्षों से लगातार हर वर्ष इस म्युचुअल फंड ने अपने निवेशकों को 30प्रतिशत के आसपास का रिटर्न दिया है जो की काफी अच्छा माना जाता है अगर लबे समय की अवधि में देखा जाए। क्वाट मिडकैप म्युचुअल फंड ने भी अपने निवेश को की खूब कमाई करवाई है बात करें म्युचुअल फंड के रिटर्न के बारे में तो इस म्युचुअल फंड ने अपने निवेशकों को करीब हर वर्ष 28प्रतिशत के आसपास का रिटर्न दिया है बात करें इस म्युचुअल फंड की शुरुआत के चारे में तो यह म्युतुअल फंड 21 मार्च 2001 को शुरू हुआ था आपकी जानकारी के लिए बता दें यह म्युतुअल फंड शेयर बाजार में पैसा लगता है यह म्यूचुअल फंड शेयर बाजार की कंपनियों पैसा डालेगा जिनका केपीटलाइजेशन 505000 करोड़ से भी ज्यादा है। निवेश के मामले में यह भी बहुत बढ़िया विकल्प हो सकता है।

एचएसबीसी स्मॉल कैप फंड 
एचएसबीसी स्मॉल कैप फंड के अंदर भी लाखों लोगों ने निवेश किया है। इस म्युचुअल फंड ने भी लगातार तीन वर्षों तक हर वर्ष अपने निवेशकों को 35प्रतिशत के आसपास का रिटर्न दिया है आप इस म्युचुअल फंड के अंदर निवेश करते हो तो यकीन मानीय आप काफी कम अवधि में काफी सारा पैसा बना सकते हो। बढ़िया रिटर्न देने के मामले में भी यह म्युचुअल फंड काफी शानदार रहा है इसमें आपको जोखिम का सामना करना पड़ेगा औ उस पर आपको रिटर्न भी काफी अच्छा मिलता है।

निप्पॉन इंडिया स्मॉल कैप फंड
यदि आप म्युचुअल फंड के जरिए शेयर बाजार में निवेश करना पसंद करते हो तो आप निप्पॉन इंडिया स्मॉल कैप फंड के अंदर भी पैसा डाल सकते हो बात करें इसके रिटर्न के बारे में तो इसने भी अपने निवेशकों को खूब कमाई कराई है। इस म्युचुअल फंड में भी लगातार 5 वर्षों से अपने निवेश को हर वर्ष 31 प्रतिशत के आसपास का रिटर्न दिया है जो की काफी अच्छा माना जाता है। इस म्युचुअल फंड के अंदर निवेश करते हो तो थोड़ा जोखिम भी ज्यादा रहेगा, लेकिन इसमें आपको रिटर्न भी काफी तगड़े मिलने वाले हैं यदि आप लंबे समय के लिए पैसा डालते हो तो तो फिर आपका पैसा 100 प्रतिशत बढ़ाने वाला है।

The Gopal Snacks Limited IPO

The Gopal Snacks Limited IPO, also known as the Gopal Namkeen IPO, is set to launch soon. Here are the key details:

IPO Dates: 
The subscription for the Gopal Namkeen IPO opens on March 6, 2024, and closes on March 11, 2024.

Price Band: The price band for the IPO is set at ₹381 to ₹401 per share.

Issue Size: The IPO consists of 16,209,476 equity shares, aggregating up to ₹650.00 Crores. It is entirely an offer for sale of shares.

Minimum Lot Size: Retail investors can apply for a minimum of 37 shares.

Listing Date: The shares are expected to list on both BSE and NSE on Thursday, March 14, 2024.

Book Running Lead Managers: Intensive Fiscal Services Private Limited, Axis Capital Limited, and JM Financial Limited.


Registrar: Link Intime India Private Ltd.

Remember, this IPO provides an opportunity to invest in a company that deals in ethnic and Western snacks. If you’re interested, mark your calendar for the subscription window! 🎉📈

Business Background 

Gopal Snacks Limited, also known as Gopal Namkeen, is a well-established Indian company specializing in the production of savory snacks. Here are some key points about their business background:

Founding and Legacy:
Gopal Snacks was founded in 1974 by Mr. Gopalji Gupta in Rajkot, Gujarat, India.
Over the years, the company has built a strong reputation for its high-quality and delicious namkeens (savory snacks).

Product Range:
Gopal Namkeen offers a wide variety of traditional and innovative snacks, including:
Sev: A crispy, spicy snack made from chickpea flour.
Gathiya: Another popular chickpea flour-based snack, available in various flavors.
Farsan: Assorted savory items like dhokla, khandvi, and fafda.
Chips: Potato chips, banana chips, and other regional specialties.
Chivda: A mixture of flattened rice, nuts, and spices.
Bhakarwadi: A spiral-shaped snack with a sweet and spicy filling.
Khakhra: Thin, roasted wheat crisps.
And many more…

Quality Assurance:
Gopal Namkeen emphasizes quality control and hygiene standards.
They use fresh ingredients and modern manufacturing processes to ensure consistent taste and texture.

Market Presence:
The brand has a strong presence in Gujarat and other parts of India.
Their products are widely distributed through retail stores, supermarkets, and online platforms.

IPO and Expansion:
The upcoming IPO aims to raise capital for expansion, marketing, and strengthening the company’s distribution network.
Investors have an opportunity to participate in the growth story of this well-loved snack brand.

Remember, investing in an IPO involves risks, so it’s essential to conduct thorough research and consider your investment goals before participating. 🌟📈

Financial Performance 

Certainly! Let's delve into the financial performance of **Gopal Snacks Limited** based on available data:

1. **Revenue from Operations**:
   - For the six months ending in **September 2023**, Gopal Snacks reported **revenue from operations** of **₹676 crore**.
   - This figure represents a **3% year-on-year decline** compared to the same period in the previous year.

2. **Profit After Tax (PAT)**:
   - During the same six-month period, the company's **profit after tax** increased marginally to **₹55.5 crore**.
   - In the previous year, the PAT stood at **₹51.9 crore**.

3. **Growth Trajectory**:
   - Despite the revenue dip, Gopal Snacks has exhibited remarkable financial growth over the years.
   - From **Fiscal 2021** to **Fiscal 2023**, their revenue from operations surged at a **Compound Annual Growth Rate (CAGR) of 11.15%**, reaching **₹1,394.65 crore**.
   - The profit witnessed an extraordinary CAGR of **130.65%**, escalating from **₹21.12 crore** to **₹112.37 crore** during the same period.

In summary, while the recent six-month performance showed a slight decline in revenue, the company's overall trajectory indicates positive growth. Investors considering the **Gopal Snacks IPO** should carefully evaluate these financial metrics before making investment decisions. 📈🌟

Factor Affecting 
Certainly! The profitability of **Gopal Snacks Limited** can be influenced by several factors. Let's explore some key aspects:

1. **Raw Material Costs**:
   - The prices of ingredients and raw materials used in snack production directly impact profitability.
   - Fluctuations in commodity prices (such as pulses, spices, and oils) can affect the company's margins.

2. **Production Efficiency**:
   - Efficient manufacturing processes lead to cost savings.
   - Streamlined production lines, reduced wastage, and optimal utilization of resources contribute to profitability.

3. **Market Demand and Competition**:
   - Consumer preferences and market trends influence sales.
   - Intense competition from other snack manufacturers can affect pricing and market share.

4. **Distribution Network**:
   - A robust distribution network ensures wider reach and better sales.
   - Efficient logistics and distribution channels impact overall profitability.

5. **Brand Reputation and Marketing**:
   - Positive brand perception drives customer loyalty.
   - Effective marketing strategies, advertising, and brand-building efforts contribute to sales growth.

6. **Quality Control and Hygiene**:
   - Maintaining consistent product quality is crucial.
   - Adherence to hygiene standards prevents product recalls and reputational damage.

7. **Economies of Scale**:
   - As production volume increases, costs per unit decrease.
   - Expanding operations can lead to better profitability.

8. **Regulatory Compliance and Taxes**:
   - Complying with food safety regulations and tax obligations is essential.
   - Non-compliance can result in penalties and impact profits.

9. **Seasonal Variations**:
   - Snack consumption patterns may vary seasonally (festivals, holidays, etc.).
   - Companies need to manage inventory and production accordingly.

10. **Financial Management**:
    - Efficient working capital management, debt control, and investment decisions affect profitability.
    - Interest payments and financial charges impact the bottom line.

Remember that these factors interact dynamically, and successful management of these aspects contributes to sustained profitability. 🌟📊

Source: Conversation with Bing, 7/3/2024
gopal snacks ipo: 

Gopal Snacks IPO opens tomorrow. 10 things to know .... https://economictimes.indiatimes.com/markets/ipos/fpos/gopal-snacks-ipo-opens-tomorrow-10-things-to-know-before-subscribing-to-the-issue/articleshow/108236811.cms.

Monday, March 4, 2024

These four small cap funds managed to beat benchmark in last one year: Do you own any?


These four small cap funds managed to beat benchmark in last one year: Do you own any?

In a recent evaluation by Value Research, four small-cap funds have demonstrated stellar performance, surpassing their benchmarks over the last 12 months. As of February 23, 2024, the returns and assets under management (AUM) figures as of January 31, 2024, reveal the success of these funds.

*Quant Small Cap Fund,* with an AUM of ₹15,664 crore, stands out as a top performer, delivering a 75.9% return in the past year.

*Bandhan Small Cap Fund* follows closely with a 74.2% return, managing an AUM of ₹4,290 crore.

*Mahindra Manulife Small Cap Fund*, with an AUM of ₹3,503 crore, has recorded a 73.6% return.

*ITI Small Cap Fund*, with an AUM of ₹2,085 crore, rounds off the list with a 69.4% return.

*The BSE 250 SmallCap TRI*, considered as the benchmark for active mutual funds in the small-cap segment, reported a 64.5% return over the same period, showcasing the outperformance of these funds against the broader market index.

Small-cap funds typically invest in stocks of companies with a _smaller market capitalisation._ 

These funds are considered *riskier* but have the potential for *higher returns* due to the growth prospects of smaller companies.

_ *Investing in small-cap funds can provide diversification to a portfolio, but it's crucial for investors to carefully assess their risk tolerance and investment goals before considering such funds.
While they offer growth potential, the higher risk associated with small-cap stocks necessitates a long-term investment horizon.*_