Friday, March 15, 2024

पैसों की बगिया हैं म्यूचुअल फंड्स, जानें-कहां लगाएं पैसे

 





 म्यूचुअल फंड में कई निवेशकों का पैसा एक जगह जमा किया जाता है और इस फंड में से फिर शेयर मार्केट में निवेश किया जाता है। म्यूचुअल फंड को एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) द्वारा मैनेज किया जाता है।

हर AMC में आमतौर पर कई म्यूचुअल फंड स्कीम होती हैं। आप किसी भी दिन कितने भी म्यूचुअल फंड खरीद और बेच सकते हैं। जबकि बैंक FD, PPF या बीमा को आप सरकारी छुट्टी या रविवार को नहीं खरीद-बेच सकते हैं।


म्यूचुअल फंड पैसों की बगिया जैसा
फाइनेंशियल एक्सपर्ट जितेंद्र सोलंकी बताते हैं कि जिस तरह से फूलों की बगिया में कई अलग-अलग प्रकार के पौधे होते हैं, वैसे ही म्यूचुअल फंड्स भी होते हैं। यह लोगों पर निर्भर करता है कि वे अपने बगीचे में क्या चाहते हैं। इसी तरह, अलग-अलग प्रकार के म्यूचुअल फंड हैं जो अलग-अलग लोगों की जरूरतों को पूरा करते हैं।

आमतौर पर म्यूचुअल फंड्स को 5 तरह से बांटा जाता है, जो उनके द्वारा निवेश की जाने वाली परिसंपत्तियों पर निर्भर करता है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझते हैं-



ये फंड्स भी बेहद काम के
इक्विटी, डेट, हाइब्रिड और सॉल्यूशन ओरिएंडेट फंड्स के अलावा कई अन्य प्रकार के फंड्स जैसे लिक्विड फंड्स, ग्रोथ फंड्स, ओपन एंडेड फंड्स, क्लोज एंडेड फंड्स और ELSS वगैरह भी म्यूचुअल फंड्स ही हैं। इसे भी समझते चलते हैं-

लिक्विड फंड्स: लिक्विड फंड्स में पैसे को लेकर तरलता बनी रहती है। आमतौर पर इस तरह के फंड्स में बेहद कम समय के लिए निवेश किया जाता है।

ग्रोथ फंड्स: इस तरह के फंड्स में ग्रोथ स्टॉक्स में निवेश किया जाता है।

ELSS फंड्स: इसमें 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है। इसमें निवेश करने पर इनकम टैक्स में 1.5 लाख रुपए तक की छूट मिलती है।

ओपन और क्लोज एंडेड फंड्स: ओपन एंडेड फंड्स में कभी भी पैसा जमा और निकाल सकते हैं। वहीं, क्लोज एंडेड फंड्स में निवेश मैच्योरिटी के समय ही निकाला जा सकता है।




SIP के जरिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश के फायदे

1. बाजार के उतार-चढ़ाव से टेंशन मुक्त
SIP से म्यूचुअल फंड्स में निवेश का एक बड़ा लाभ यह है कि आपको बाजार में अनुकूल समय का इंतजार करने की जरूरत नहीं है और न ही एकमुश्त निवेश करने की जरूरत है।

आप किसी भी समय SIP में निवेश शुरू कर सकते हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपको कितना पैसा निवेश करना है। आपके निवेश का मकसद क्या है और आप कितना जोखिम उठा सकते हैं।

2. प्रति यूनिट शेयरों की खरीद से लागत में कमी
SIP से निवेश में खरीद की लागत औसत हो जाती है। आमतौर पर लॉन्ग टर्म में प्रति यूनिट शेयरों या फंड की खरीद में पैसे कम लगेंगे। इससे आपको लॉन्ग टर्म में अपने निवेश को बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।

3. कम राशि के साथ कर सकते हैं निवेश की शुरुआत
SIP को 100 रुपए से कम मासिक बजट के साथ शुरू किया जा सकता है। आपको मोटा फंड बनाने के मकसद से अपनी निवेश यात्रा शुरू करने के लिए इंतजार करने की आवश्यकता नहीं है।

4. SIP से निवेश में आपमें विकसित होता है वित्तीय अनुशासन
SIP से निवेश में आपमें वित्तीय अनुशासन विकसित होता है, क्योंकि आप समय-समय पर रेगुलर निवेश करते रहते हैं। इससे आपके पास अच्छी-खासी रकम जुटाने में मदद मिलती है।

5. अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने में मददगार
हर छोटी बूंद एक शक्तिशाली महासागर को बनाती है। अनुशासित रूप से SIP में निवेश किया जाए तो आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। आप एक लक्ष्य तक पहुंचने के लिए जरूरी मासिक SIP निवेश की गणना भी कर सकते हैं।

6. लॉन्ग टर्म में उठा सकते हैं कंपाउंडिंग की शक्ति का लाभ
अगर आपने SIP से म्यूचुअल फंड्स में निवेश किया है तो आपको ब्याज पर ब्याज यानी कंपाउंडिंग की शक्ति का फायदा मिल सकता है। वास्तव में लंबे समय तक निवेश आपको बेहतर रिटर्न दे सकता है।

7. SIP से निवेश सुविधाजनक और परेशानी मुक्त
SIP से निवेश को ऑटो डेबिट के जरिए भी किया जा सकता है, जो इसे बहुत सुविधाजनक बनाता है। आपको निवेश की तारीख याद रखने या किसी भी फॉर्म या चेक को जमा करने की आवश्यकता नहीं है।



गैर-UTI म्यूचुअल फंड भी वजूद में

जून 1987 में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने पहला गैर-UTI म्यूचुअल फंड लॉन्च किया। 1987 और 1992 के बीच, पांच अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अपने स्वयं के म्यूचुअल फंड्स बनाए। वहीं, निजी क्षेत्र का पहला म्यूचुअल फंड 1993 में शुरू किया गया था। म्यूचुअल फंड्स अभी 1996 के सेबी विनियमों के तहत काम करते हैं।

30 साल की उम्र से 30 साल तक निवेश से 1 करोड़ रिटर्न
अगर आप 30 साल की उम्र में हर महीने 3,250 रुपए का SIP में निवेश करना शुरू करते हैं, तो औसतन 12% प्रति वर्ष के रिटर्न को मानते हुए आप 60 साल की उम्र तक करोड़पति बन सकते हैं। यानी आपने 30 साल तक कुल 11,70,000 रुपए निवेश किया। जिस पर 30 साल में कुल ब्याज 1,03,02,220 रुपए होगा। ऐसे में कुल रिटर्न के साथ आपके पास 30 वर्षों में 1,14,72,220 रुपए का कॉर्पस जमा हो सकता है।

यदि आप पैसे से पैसा बनाना चाहते हैं तो आपको कम से कम कुछ जोखिम उठाने के लिए तैयार भी रहना होगा। यानी म्यूचुअल फंड्स आपको लंबे समय में हाई रिटर्न दे सकते हैं, लेकिन यह तभी होगा जब तक आप थोड़ा जोखिम लेने के लिए तैयार हैं। यदि आप ऐसा करने में सक्षम हैं, तो आप लंबे समय में महंगाई को मात देने वाला रिटर्न बना सकते हैं।