Thursday, March 14, 2024

अब SIP से डेस्टिनेशन वेडिंग का ट्रेंड:SIP कितने तरह की, किसमें निवेश करना ज्यादा फायदेमंद

 


हाल ही में मुंबई में एक विज्ञापन आया कि सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) लेकर आप अपनी डेस्टिनेशन वेडिंग की योजना बना सकते हैं। सोशल मीडिया पर जैसे ही इस विज्ञापन की तस्वीर आई, यह तेजी से वायरल हो गई।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के हैंडल @Trendulkar पर इसकी तस्वीर शेयर की गई। एड में लिखा कि डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए 10 सालों तक हर महीने 11 हजार, 31 हजार या 43 हजार का प्लान लेकर आप अगले 10 सालों तक इसमें निवेश कर सकते हैं।

किसी यूजर ने कहा-कल्पना करें कि 10 साल के लिए SIP करके शादी करें और 2 सालों में ही तलाक हो जाए। वहीं, एक और यूजर ने लिखा-बस अब यही देखना बाकी रह गया था। किसी ने कहा-यह महीने की SIP भी सैलरी से ज्यादा है। एक ने तो लिखा-भैया कुछ सस्ते में दिखाओ ये रेंज के बाहर है।

एसाेसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार, देश में SIP की पॉपुलैरिटी दिनोंदिन बढ़ रही है। फरवरी, 2024 तक देश में म्यूचुअल फंड्स SIP के कुल 8.2 करोड़ खाते थे, जिनमें 19,187 करोड़ रुपए जमा थे।

आज बात करेंगे SIP के बढ़ते ट्रेंड के बारे में। यह भी बात करेंगे कि-

-SIP कितने तरह की होती है और कौन सी करनी चाहिए?

-SIP करते वक्त क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

SIP क्या है, यह कितने तरह की होती है

सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) म्यूचुअल फंड्स द्वारा प्रस्तावित निवेश का एक ऐसा जरिया है, जिसके माध्यम से कोई व्यक्ति एक तय रकम, नियमित अंतराल में म्यूचुअल फंड्स की किसी स्कीम में मंथली या हर तीन महीने पर या एकमुश्त रकम से निवेश कर सकता है। यह किस्त हर महीने 500 रुपए से भी हो सकती है।

वैसे तो SIP कई तरह की होती हैं, मगर मार्केट में सबसे पॉपुलर 5 ही हैं-


रेगुलर SIP

रेगुलर SIP में तय अवधि में तय रकम निवेश करना होता है। निवेशक हर महीने, हर तीन महीने में या फिर छमाही में निवेश कर सकते हैं। इसमें निवेश की रकम कितनी होगी, यह आप खुद ही तय कर सकते हैं। ज्यादातर लोगों में यही SIP पॉपुलर है।

स्टेप-अप SIP

इसमें आप एक तय समय बाद SIP को बढ़ा सकते हैं, जिसमें सालाना आधार पर भी रकम बढ़ाने का विकल्प मिलता है। यदि आप हर महीने 10 हजार रुपए की SIP करते हैं तो उसे हर साल 5 या 10 फीसदी बढ़ाने का विकल्प मिल सकता है।

फ्लेक्सिबल SIP

इसमें SIP में बदलाव किए जा सकते हैं। यानी SIP की रकम को कभी भी बढ़ाया या घटाया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए निवेशकों को फंड हाउस को SIP कटने की तारीख से पहले सूचना देनी होगी।

ट्रिगर SIP

इसमें समय और वैल्यूएशन के आधार पर निवेश का प्लान बनाया जा सकता है। ऐसी SIP में पहले से ही शर्त भी लगाई जा सकती है। जैसे जब एनएवी यानी नेट एसेट वैल्यु 1000 रुपए से अधिक हो जाए तो ट्रिगर SIP की शुरुआत की जाए। या फिर 1000 रुपए से कम होने पर अतिरिक्त पैसे SIP में लगाएं।

इंश्योरेंस के साथ SIP

इस SIP में टर्म इंश्योरेंस का लाभ भी मिलता है। सभी फंड हाउस में अलग-अलग शर्तें हो सकती हैं। इसमें SIP के अमाउंट के 10 गुना तक का कवर मिलता है। इसका लाभ केवल इक्विटी म्यूचुअल फंड्स पर मिलता है।

SIP से म्यूचुअल फंड्स में निवेश कैसे करें, इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझते हैं-



SIP में निवेश की लोकप्रियता क्यों है, यह समझते हैं-

निवेश पीरियड और पैसों को लेकर लचीलापन

SIP के जरिए निवेश करने में इन्‍वेस्‍टमेंट पीरियड और अमाउंट को लेकर लचीलापन रहता है। आप अपनी सुविधा अनुसार निवेश की अवधि मंथली, तिमाही या छमाही का ऑप्‍शन चुन सकते हैं। जब भी आपको जरूरत पड़े आप इसे रोक सकते हैं या अपनी एसआईपी से पैसा निकाल सकते हैं।

मार्केट में उतार-चढ़ाव की स्थिति में SIP का नुकसान नहीं

SIP में आप जब समय-समय पर निवेश करते रहते हैं तो आपको रुपी कॉस्‍ट एवरेजिंग का फायदा मिलता है। मतलब ये कि मार्केट गिर रहा है तो आपने जो पैसा निवेश किया है, उसमें आपको ज्‍यादा यूनिट्स अलॉट होंगे और मार्केट में तेजी आने पर अलॉट होने वाले यूनिट्स की संख्या कम होगी।

मार्केट में उतार-चढ़ाव की स्थिति में भी आपका खर्च औसत बना रहता है। यानी मार्केट में गिरावट आने पर भी आपको नुकसान नहीं होता। मार्केट में तेजी आने पर आपको अपने औसत निवेश पर ही बेहतर रिटर्न मिलता है।

कंपाउंडिंग का जबरदस्त फायदा मिलता है

SIP में कंपाउंडिंग का फायदा जबरदस्‍त मिलता है, इसलिए SIP लंबे समय के लिए की जानी चाहिए। ये जितने लंबे समय के लिए होगी, कंपाउंडिंग का फायदा उतना ज्‍यादा होगा। आपको कंपाउंडिंग के तहत केवल उसी रकम पर रिटर्न नहीं मिलता, जिसे आपने निवेश किया है। बल्कि आपको पहले के मिले रिटर्न पर भी रिटर्न मिलता है।

निश्चित समय के लिए होती है बचत

SIP के जरिए आप निश्चित समय के लिए बचत करना सीखते हैं। यानी आपको मासिक, तिमाही या छमाही पर जो भी पैसा निवेश करना है, उस रकम की बचत करने के बाद ही आप बाकी खर्च करते हैं। इस तरह आपको अनुशासित निवेश की आदत पड़ती है।

SIP फायदेमंद होती है, मगर आपने निवेश के समय नीचे दिए ग्राफिक की बातों को ध्यान में नहीं रखा तो आपको जोखिम भी उठाना पड़ सकता है-



आमतौर पर यह देखा जाता है कि निवेशक कई बार मार्केट के गिरने पर घबराकर SIP से पैसा निकाल लेते है, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ता है। आइए-SIP में निवेश से पहले ये जरूरी बातें जान लें, ताकि आपको नुकसान कम से कम हो।

SIP अचानक बंद करने का होता है नुकसान

अक्सर निवेशक इक्विटी बाजार के उतार-चढ़ाव को देखते हुए कभी SIP को बंद करते हैं तो कभी शुरू करते हैं। बाजार में तेजी देखकर निवेशकों में गजब का उत्साह होता है। जब बाजार तेजी में होता हैं तो SIP शुरू कर देते हैं।

जब मंदी आती है तो ज्यादातर निवेशक निराश और डर जाते हैं और इस वजह से वो SIP रोक देते हैं। मगर वो ये नहीं समझते कि SIP को कभी शुरू करना और कभी रोकना सिर्फ एक खराब रिटर्न ही दे सकता हैं। इससे लंबे समय में आपको नुकसान भी हो सकता है।

किसी भी रकम की SIP किसी टार्गेट के साथ करें

किसी भी राशि की SIP एक लक्ष्य के साथ करें जैसे अपने बच्चे की एजुकेशन, शादी, अपना रिटायरमेंट या ऐसे किसी भी लक्ष्य के साथ आप SIP में बने रह सकते हैं।

उतार-चढ़ाव वाले ग्रोथ असेट्स में सिस्टेमैटिक निवेश सबसे अच्छा काम करता हैं जब उनके लक्ष्य स्पष्ट होते हैं। अगर आप लक्ष्य के साथ निवेश नहीं करते और बीच में कभी भी पैसा निकाल लेने का सोचते हैं और इसका नुकसान होता है।

बड़ी रकम के साथ SIP में पैसे न लगाएं

SIP में निवेश करते समय आपको ध्यान रखना चाहिए कि आप बड़ी रकम से निवेश की शुरुआत नहीं करें। बड़ी रकम में निवेश करने से भविष्य में पैसे की कमी होने से आपकी SIP टूट जाती है, जिससे आपको मुनाफा भी कम मिलता है।