जुलाई-अगस्त 2008: तब चीन की राजधानी बीजिंग में ओलिंपिक चल रहा था। मौसम विभाग ने मैच के दिन बारिश की आशंका जाहिर की। इससे बचने के लिए चीन ने मैच के एक दिन पहले ही कृत्रिम बारिश, यानी आर्टिफिशियल रेन करवा ली थी।
1967-1972: वियतनाम युद्ध के दौरान अमेरिका ने ऑपरेशन पोपोय चलाया था। अमेरिकी सेना ने वियतनाम में क्लाउड सीडिंग के जरिए अपनी मर्जी से बारिश कराते हुए दुश्मन सेना को भारी नुकसान पहुंचाया था।
इधर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के बयान पर भारत में नई बहस छिड़ गई है। सोशल मीडिया में एक तबका इसका मजाक उड़ा रहा है, तो वहीं एक तबका ऐसा भी है, जो इसे गंभीर मानकर इस पर चर्चा कर रहा है।
सवाल 1: सबसे पहले जानते हैं कि केसीआर ने क्यों बारिश को लेकर विदेशी साजिश की बात कही?
भारी बारिश की वजह से तेलंगाना का गोदावरी इलाका इन दिनों बाढ़ से जूझ रहा है। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, यानी केसीआर 17 जुलाई को बाढ़ प्रभावित भद्राचलम के दौरे पर गए थे। वहां उन्होंने गोदावरी इलाके में भारी बारिश और बाढ़ के लिए बादल फटने को वजह बताते हुए कहा कि इसके पीछे विदेशी साजिश हो सकती है।
राव ने कहा, 'ये एक नई घटना है, जिसे बादल फटना कहते हैं। लोग कहते हैं कि इसमें कुछ साजिश है, हम नहीं जानते कि ये कितना सच है, कहा जाता है कि विदेशी जानबूझकर हमारे देश में कुछ जगहों पर बादल फटने की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। लेह-लद्दाख और उत्तराखंड में भी पहले वे ऐसा कर चुके हैं
सवाल 2 : अब जानते हैं कि ये बादल फटना क्या होता है?
छोटे से इलाके में बहुत कम समय में बहुत ज्यादा बारिश होने को बादल फटना कहते हैं।
इसमें बादल फटने जैसा कुछ नहीं होता। हां, ऐसी बारिश इतनी तेज होती है जैसे बहुत सारे पानी से भरी एक बहुत बड़ी पॉलीथिन आसमान में फट गई हो। इसलिए इसे हिंदी में बादल फटना और अंग्रेजी में cloudburst के नाम से पुकारा जाता है।
अब बादल फटने को गणित से समझते हैं। मौसम विभाग के मुताबिक जब अचानक 20 से 30 वर्ग किलोमीटर के इलाके में एक घंटे या उससे कम समय में 100mm या उससे ज्यादा बारिश हो जाए तो इसे बादल फटना कहते हैं।
इसके लिए सबसे पहले 1mm बारिश का मतलब समझते हैं। देखिए, 1mm बारिश होने का मतलब है कि 1 मीटर लंबे और 1 मीटर चौड़े यानी 1 वर्ग मीटर इलाके में 1 लीटर पानी बरसना। अब इस गणित को बादल फटने की परिभाषा पर फिट कर दें तो जब भी 1 मीटर लंबे और 1 मीटर चौड़े इलाके में 100 लीटर या उससे ज्यादा पानी बरस जाए, वो भी एक घंटे या उससे भी कम समय में, तो समझिए कि इस इलाके पर बादल फट गया।
बस 100 लीटर! यूं, तो आपको गणित बहुत छोटा लग रहा होगा। इसकी भयावहता का अंदाजा लगाने के लिए अगर इस गणित को 1 वर्ग मीटर के बजाय 1 वर्ग किलोमीटर के इलाके में फिट कर दें तो, जब भी 1 वर्ग किलोमीटर इलाके में एक घंटे से कम समय में 10 करोड़ लीटर पानी बरस जाए तो समझिए वहां बादल फट गया।
सवाल 3 : क्या भारत में बाढ़ आने के पीछे चीन की साजिश है?
1970 से 2016 यानी इन 46 सालों में देश में बादल फटने की 30 से ज्यादा घटनाएं हुईं। ये सभी घटनाएं हिमालय के क्षेत्र में हुईं। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में बादल फटने के बाद भारी बारिश से कई बार बाढ़ आ चुकी है।
2013 में उत्तराखंड में बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ से केदारनाथ में आपदा आई थी। इस दौरान 5 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। वहीं असम में हर साल बारिश और बाढ़ से सैकड़ों लोगों की मौत हो जाती है।
चूंकि बादल फटने की ज्यादातर घटनाएं भारत-चीन के बॉर्डर वाले इलाकों में होती हैं। ऐसे में इसके पीछे चीन की साजिश होने की आशंका जताई जा रही है। चीन और भारत के बीच कई सालों से सीमा विवाद चल रहा है।
चीनी सेना समय-समय पर बॉर्डर पर उकसाने वाली कार्रवाई करती रहती है। ऐसे में कई लोग संदेह जता रहे हैं कि चीन बादल फटने की साजिश रच रहा है और बारिश और बाढ़ से भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है।
- चंद्रशेखर के तेलंगाना में बाढ़ के पीछे चीन की साजिश की बात में कितना दम है?
- इस दावे के सही होने की संभावना काफी कम है, क्योंकि तेलंगाना चीन बॉर्डर से 3 हजार किलोमीटर से ज्यादा दूर है। साथ ही तेलंगाना हिमालय क्षेत्र में भी नहीं आता है, जहां पिछले 46 सालों में 30 से ज्यादा बादल फटने की घटनाएं हुई हैं।
- ऐसे में माना जा रहा है कि चंद्रशेखर का चीनी साजिश का बयान चुनावी शिगूफा है और वह इस बयान से तेलंगाना में बाढ़ से जुड़े मुद्दे से ध्यान भटकाना चाहते हैं।
अमेरिका ने क्लाउड सीडिंग का इस्तेमाल वियतनाम के खिलाफ युद्ध में किया था
अमेरिका ने 1967 से 1972 के बीच वियतनाम युद्ध के दौरान क्लाउड सीडिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया था। अमेरिका ने ‘ऑपरेशन पोपोय’ चलाते हुए ऐसा वियतनाम पर बढ़त बनाने के लिए किया था। हालांकि इस बात पर अब भी एक राय नहीं है कि अमेरिका को इसमें कितनी कामयाबी मिली थी।
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका ने वियतनाम के हो चि मिन्ह शहर पर क्लाउड सीडिंग के जरिए बादल फटने की घटना को अंजाम दिया था। इससे वहां अचानक बारिश, बाढ़ और लैंडस्लाइड की स्थिति पैदा कर दी थी। इससे वियतनाम सेना को भारी नुकसान पहुंचा था।
दुबई में 2021 में किया गया था क्लाउड सीडिंग के लिए इलेक्ट्रिक चार्ज टेक्नीक का इस्तेमाल
जुलाई 2021 में दुबई में जब तापमान 50 डिग्री तक पहुंच गया तो गर्मी से राहत के लिए वहां क्लाउड सीडिंग कराई गई थी। इसके लिए सिल्वर आयोडाइड, पोटैशियम आयोडाइड और ड्राई आइस को प्लेन और हेलिकॉप्टर्स के जरिए आसमान में बिखेर दिया गया था।
इन केमिकल के कणों ने हवा की नमी को अपनी ओर खींचा। जब पानी के सभी कण पास आ गए तो एक बड़ा तूफानी बादल बन गया। फिर ड्रोन के जरिए इस बादल को इलेक्ट्रिक चार्ज किया गया, जिससे बारिश हुई। इस प्रॉसेस से बारिश करवाने में आधे घंटे ही लगे थे।
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