चीन में लोगों के खिलाफ बैंकों के बाहर टैंक तैनात:थियानमेन स्क्वायर की यादें ताजा, जब चीन ने अपने ही 10 हजार लोगों को मारा था
चीन में कई बैंकों से पैसे निकालने पर रोक लगा दी गई है। बैंक ऑफ चाइना ने कहा है कि यहां जमा पैसा एक निवेश है। इसे निकाला नहीं जा सकता। इस फैसले के खिलाफ चीन में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने भारी संख्या में सेना के टैंकों को सड़कों पर उतार दिया है।
इस घटना ने पूरी दुनिया को फिर से थियानमेन स्क्वायर की याद दिला दी है। 33 साल पहले 1989 में सरकार के खिलाफ बीजिंग के थियानमेन स्क्वायर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ भी टैंक उतारे गए थे। इस क्रूर कार्रवाई में 10 हजार लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर छात्र थे। अब इसे थियानमेन 2.0 कहा जा रहा है।
इस एक्सप्लेनर में जानते हैं कि आखिर चीन ने अभी क्यों उतारा अपने ही नागरिकों के खिलाफ टैंक? क्या है थियानमेन नरसंहार की कहानी, जिसमें 10 हजार लोग मारे गए थे?
थियानमेन 2.0: चीन ने अपने ही लोगों के खिलाफ उतारे टैंक
चीनी बैंकों ने लोगों के पैसों को निवेश बता लौटने से किया मना, भड़के लोग सड़कों पर उतरे
तस्वीर में चीन के हेनान प्रांत की सड़कों से गुजरते चीनी सेना के टैंक। टैंकों को सड़कों पर इसलिए उतारा गया है ताकि लोग बैंकों तक न पहुंच पाएं। हेनान प्रांत की राजधानी झेंगझोऊ में प्रदर्शन के हिंसक होने के बाद अथॉरिटीज ने कहा कि वे बैंकों से लोगों के फंड को किश्तों में रिलीज करेंगे। हेनान में कई रूरल बैंकों ने लोगों के पैसों को कई महीनों से रोक रखा है।15 जुलाई को बैंकों को वादे के मुताबिक, लोगों को पहली किश्त देनी थी, लेकिन केवल कुछ ही लोगों को पैसे मिल पाए हैं। इससे ये सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या चीनी बैंकों के पास देने के लिए पैसा ही नहीं बचा है। यानी चीनी बैंक दिवालिया हो गए हैं।
आखिर क्यों लोगों के पैसे नहीं लौटा रहे हैं चीनी बैंक?
चीनी प्रोफेसर का दावा, 2022 का साल चीन की अर्थव्यवस्था के लिए सबसे खराब
कुछ ही दिनों पहले ऑनलाइन वायरल हुए एक वीडियो में बीजिंग की सिंघुआ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर झेंग युहुआंग ने कहा था कि 2022 चीन के लिए मुश्किल साल है। झेंग के अनुसार 2022 के पहले क्वॉर्टर में चीन में 4.60 लाख कंपनियां बंद हो चुकी हैं और 31 लाख बिजनेस परिवार दिवालिया हो गए हैं। इस साल 1.76 करोड़ कॉलेज ग्रैजुएट निकले हैं, जिससे नौकरियों का संकट पैदा हो गया है। चीन में करीब 8 करोड़ युवा बेरोजगार हैं।