कई बार लम्बी कहानी कहने की जरुरत नहीं पड़ती, बस एक तस्वीर ही काफी होती है, उसी तरह कभी-कभी आंकड़ें खुद ब खुद हाल बयां कर जाते हैं, अप्रैल 2023 से मार्च 2024 के दौरान आठ Core Industries का मिला जुला इंडेक्स बढ़कर 157.8 पहुंच गया जोकि पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में 146.7 था, इस साल अप्रैल में यही मिलाजुला इंडेक्स 160.5 था.
जून 2024 में Gross Goods and Services Tax revenue का कलेक्शन रिकार्ड तोड़ 1.74 लाख करोड़ रुपये था, यह साफ तौर पर दर्शाता है कि अर्थव्यवस्था में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर का डेवलपमेंट जोरो पर है.
समय आ गया
इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और टेक्नोलोजिकल इनोवेशन की बढ़ती तेजी पर नजर डालें तो भारत का समय आ चूका है. वित्तीय बाजार पर नजर डालें तो यह कहानी साफ़ नजर आ रही है, मुख्य सूचकांक भी प्रति दिन नए रिकार्ड बना रहे हैं. घरेलु संस्थागत निवेशक भी खूब खरीद्दारी के मूड में हैं, समय ऐसा है कि डीआईआई तथा एफआईआई (FII) के बीच का अंतर मुश्किल से 9 फीसदी रह गया है. आशा है कि डीआईआई जल्द ही एफआईआई से आगे निकल जायेगा.
कहाँ निवेश करें
अब सवाल यह उठता है की ऐसे समय में किस सेक्टर में निवेश करें, विषेशज्ञों की मानें तो ऐसे उत्साहवर्धक समय में सेक्टर निवेश तो होना ही चाहिए, पावर, इंफ्रा, बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं, इनोवेशन और कंजप्शन (Consumption) थीम में कमाल का रिटर्न देखने को मिल सकता है.
एक उदाहरण से देखें तो –
निप्पॉन इंडिया पावर एंड इंफ्रा फंड के बीते 1 साल का रिटर्न देखें तो 82.73 फीसदी रहा है, फार्मा और कंजम्पशन फंड ने भी क्रमशः 40.92 फीसदी और 39.34 फीसदी का रिटर्न दिया है.
निप्पॉन इण्डिया इनोवेशन फंड ने तो अपने लांच तिथि से महज 10 माह पुरे किये हैं, इस दौरान योजना का रिटर्न 47.92 फीसदी तक रहा, वहीं निप्पॉन इंडिया बैंकिंग फंड ने 25.95 फीसदी का रिटर्न दिया.
इसके अलावा आईसीआईसीआई, एक्सिस और आदित्य बिड़ला के सेक्टोरल फंडों ने भी दोहरे अंक का रिटर्न उत्पन्न किया.
बीते 1 साल में सेक्टोरल फंड्स ने 44.40 फीसदी का रिटर्न दिया है, इन फंड्स में निवेश कर निवेशक केवल रिटर्न से लाभान्वित नहीं होंगें बल्कि देश के दमदार आर्थिक ग्रोथ में भी योगदान दे पायेंगें.